मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। कोरोना संक्रमण ने आर्थिक गतिविधियों को 6 महीने के लिए लगभग पूर्णतया ठप्प सा कर दिया। मायानगरी के कई छोटे कलाकारों के सामने भी रोजी रोटी का संकट है।
कई कलाकारों/निर्देशकों ने मुंबई से हटकर अन्य शहरों में काम खोज लिया है। कभी मायानगरी मुंबई में प्रसिद्ध बालिका बधू सीरियल के निर्देशक रह चुके रामवृक्ष गौड़ अब सब्जी बेंचने को मजबूर हो गए हैं।
यह काम वह अपना और परिवार का पेट पालने के लिए गृह जनपद आजमगढ़ में कर रहे हैं। वह महामारी के दौर में बच्चे को परीक्षा दिलाने के लिए भी मुंबई नहीं जा पा रहे हैं। लॉकडाउन में मुंबई में मनोरंजन जगत से जुड़ा काम बंद हो गया था। इसके बाद परिवार की जिम्मेदारियों ने रामवृक्ष को ऐसा जकड़ा कि गली गली में जाकर और सड़क पर ठेला लगाकर उन्हें सब्जियां बेचना पड़ रहा है।
बीते समय में रामवृक्ष ने यशपाल शर्मा, मिलिंद गुणाजी, राजपाल यादव, रणदीप हुड्डा, सुनील शेट्टी जैसे मशहूर कलाकारों के साथ काम किया है। उन्होंने बालिका बधू के अलावा कुछ तो लोग कहेंगे का भी निर्देशन किया है। रामवृक्ष मूलरूप से आजमगढ़ जिले में निजामाबाद कस्बे के निवासी हैं। साल 2002 में वह अपने दोस्त के साथ काम की तलाश में मुंबई पहुंचे थे। पहले कुछ समय तक बिजली विभाग में काम किया और इसके बाद टीवी प्रोडक्शन में किस्मत आजमाते हुए कड़ी मेहनत की। अनुभव बढ़ने के बाद निर्देशन करने का मौका मिला और आगे चलकर बालिका बधू जैसे लोकप्रिय सीरियल के निर्देशन का मौका उन्हें मिला था। उन्हें फिल्मों में काम करने का 22 वर्ष का अनुभव है।