कांग्रेस के लम्बे शासनकाल के दौरान अगर लोगों की रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गाँव/शहरों में ही की गई होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करने को मजबूर होना पड़ता
नई दिल्ली। बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश मायावती ने आज यहाँ कहा कि आज पूरे देश में कोरोना महामारी के लाॅकडाउन के कारण बेरोजगार व बेआसरा हो गए उपेक्षा के शिकार करोड़ों प्रवासी श्रमिक परिवारों की जो अति-दुःखद व शर्मनाक दुर्दशा/त्रासदी हर जगह देखने को मिल रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस पार्टी ही मानी जाएगी, क्योंकि आजादी के बाद केन्द्र व राज्यों में इनके लम्बे शासनकाल के दौरान अगर लोगों की रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गाँव/शहरों में ही की गई होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करने को मजबूर होना पड़ता?
इतना ही नहीं बल्कि वर्तमान समय में भी कांग्रेसी नेता द्वारा लाॅकडाउन त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुःख-दर्द बांटने सम्बंधी जो वीडियो दिखायेजा रहे हैं वह इनकी हमदर्दी वाला कम व नाटक ही ज्यादा लगता है। वैसे कांग्रेस पार्टी इस समय अगर यह बताती कि उसने उन पीड़ितों से मिलते समय कितने लोगों की वास्तविक मदद की तो यह बेहतर होता।
साथ ही, ऐसे विकट समय में बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकारों से भी यह कहना है कि वे कांग्रेस पार्टी के पदचिन्हों पर ना चलकर, इन बेहाल घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके गांवों/शहरों में ही रोजी-रोटी की सही व्यवस्था करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर यदि ईमानदारी व निष्ठा से अमल करती हैं तो फिर आगे ऐसी दुर्दशा इन्हें शायद कभी नहीं झेलनी पड़ेगी, जो सच्चे देशहित की सच्ची बात होगी।
इसके अलावा, बी.एस.पी. के लोगों से भी पुनः अपील है कि जिन प्रवासी मजदूरों को उनके घर लौटने पर उन्हें गाँवों से दूर अलग-थलग रखा गया है तथा उन्हें उचित सरकारी मदद नहीं मिल पा रही है तो ऐसे लोगों को भी अपना मानकर उनकी भरसक मानवीय मदद करने का प्रयास करें क्योंकि मजलूम ही मजलूम का दर्द समझ कर एक-दूसरे की सही मदद कर सकता है।