ग्रेटर नोएडा में मेसर्स हीरानंदानी  समूह द्वारा स्थापित किए जाने वाले डेटा सेण्टर पार्क का शिलान्यास

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हीरानंदानी समूह द्वारा डेटा सेण्टर की स्थापना का प्रस्ताव
मिलते ही 15 दिन के अंदर 20 एकड़ भूमि उपलब्ध करा दी गई
मेगा प्रोजेक्ट स्थापना के प्रस्तावों पर
15 दिन में भूमि आवंटित करना राज्य सरकार की नीति
हीरानंदानी समूह द्वारा स्थापित किए जा रहे 250 मेगावाॅट क्षमता वाले
इस डेटा सेण्टर पार्क में कुल 06 हजार करोड़ रु0 का निवेश प्रस्तावित
राज्य सरकार के प्रयासों से आज उप्र
ईज़ आफ डुइंग बिज़नेस में देश में दूसरे स्थान पर
उप्र निवेशकों एवं कारोबारियों के लिए
एक आकर्षक डेस्टिनेशन के रूप में उभरा: मुख्यमंत्री
डेटा सेण्टर्स की स्थापना से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होगा
विश्व के वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में राज्य सरकार को 56 से अधिक निवेश
आशय मिले, जिनमें जापान, यूएसए, यूके, कनाडा, जर्मनी, दक्षिण
कोरिया आदि लगभग 10 देशों की कम्पनियों के लगभग
45 हजार करोड़ रु.. के निवेश प्रस्ताव शामिल
लखनऊ: 29 नवम्बर, 2020
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रेटर नोएडा में मेसर्स हीरानंदानी समूह द्वारा स्थापित किए जाने वाले डेटा सेण्टर पार्क का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पिछले 02 वर्षों से प्रदेश में डेटा सेण्टर्स की स्थापना के लिए प्रयास किए जा रहे थे। इनकी स्थापना के लिए एक नीति की आवश्यकता महसूस की गई, जो अभी तैयार की जा रही है और 31 दिसम्बर, 2020 तक लागू कर दी जाएगी। इस नीति के प्रख्यापन से पूर्व ही राज्य सरकार को डेटा सेण्टर स्थापना के कई प्रस्ताव मिले हैं, जिन पर सक्रियता से कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार की यह नीति है कि मेगा प्रोजेक्ट स्थापना के लिए मिलने वाले प्रस्तावों पर भूमि का आवंटन 15 दिन के अंदर कर दिया जाए। राज्य सरकार की मेगा परियोजनाओं हेतु भूमि आवंटन योजना के अंतर्गत ही हीरानंदानी समूह को 15 दिनों में 20 एकड़ भूमि उपलब्ध करायी गयी है।
हीरानंदानी समूह द्वारा स्थापित किए जा रहे 250 मेगावाॅट क्षमता वाले इस डेटा सेण्टर पार्क में कुल 06 हजार करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है। यह सेण्टर 20 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जाएगा। प्रथम चरण में 01 हजार करोड़ रुपए के निवेश से डेटा सेण्टर पार्क की स्थापना की जा रही है, जिसमें 40 मेगावाॅट की क्षमता वाली प्रथम इकाई जून, 2022 तक आरम्भ करने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार की नीति उद्योगों को बढ़ावा देते हुए उनकी समस्याओं के त्वरित निदान की है। प्रदेश में निवेश के लिए उत्कृष्ट वातावरण तैयार किया गया है। राज्य सरकार के प्रयासों के चलते आज उत्तर प्रदेश ईज़ आॅफ डुइंग बिज़नेस में देश में दूसरे स्थान पर है। ऐसा इसलिए सम्भव हुआ कि राज्य सरकार ने वर्ष 2019 के ‘बिज़नेस रिफाॅर्म एक्शन प्लान’ के तहत भारत सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा निर्धारित 187 सुधारों में से 186 सुधारों को लागू किया है। आज उत्तर प्रदेश निवेशकों एवं कारोबारियों के लिए एक आकर्षक डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार निवेशकों के साथ है और उनकी सभी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए तत्पर है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह डेटा सेण्टर पार्क शीघ्र बनकर तैयार होगा और अपना काम शुरू कर देगा। उन्होंने कहा कि इस डेटा सेण्टर की स्थापना से आने वाले समय में अन्य डेटा सेण्टर भी स्थापित हो सकेंगे। इन डेटा सेण्टर्स की स्थापना से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपार सम्भावनाएं मौजूद हैं। यहां प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत अभियान तथा देश को 05 ट्रिलियन यू0एस0 डाॅलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प को सफल बनाने की क्षमता है। प्रदेश में निवेश के अनुकूल बनते हुए वातावरण के दृष्टिगत सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्राॅनिक्स, डेटा सेण्टर से सम्बन्धित उद्योगों की स्थापना के लिए निवेशक अब इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में डेटा सेण्टर की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश डेटा सेण्टर नीति बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। नीति के तहत 03 डेटा सेण्टर्स पार्क स्थापित किए जाने का लक्ष्य है। डेटा सेण्टर्स की स्थापना से इनके आसपास बड़ी संख्या में सूचना प्रौद्योगिकी तथा इससे समर्थित इकाइयों की स्थापना होती है, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार की सम्भावनाएं होती हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निवेशकों की सुविधा एवं उन्हें सहायता प्रदान करने के लिए एक समर्पित एजेंसी ‘इन्वेस्ट यू0पी0’ की स्थापना की गई है। यह एजेंसी निवेशकों को पूर्ण निवेश जीवन चक्र की अवधि में सहायता प्रदान करेगी। नये स्वदेशी व विदेशी निवेश प्रस्तावों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने ‘इन्वेस्ट यू0पी0’ में एक समर्पित हेल्प डेस्क स्थापित की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा अनेक नई नीतियों की घोषणा की गई है। पिछड़े क्षेत्रों में त्वरित निवेश प्रोत्साहन नीति-2020 के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के पूर्वांचल, मध्यांचल और बुंदेलखण्ड क्षेत्रों में औद्योगिक विकास के दृष्टिगत आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं। उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगभग 22 सेक्टोरल पाॅलिसियां बनायी गयी हैं। निवेश मित्र पोर्टल निवेशकों की समस्याओं के समाधान के लिए सिंगल विण्डो सिस्टम है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना कालखण्ड के दौरान वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक प्रदेश की 6.48 लाख नई एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को बैंकों से 19,772 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया है। इसी प्रकार पूर्व स्थापित 4.37 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को बैंकों से 11,061 करोड़ रुपए के ऋण उपलब्ध कराए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विश्व के वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में राज्य सरकार को 56 से अधिक निवेश आशय मिले हैं, जिनमें जापान, यू0एस0ए0, यू0के0, कनाडा, जर्मनी, दक्षिण कोरिया आदि लगभग 10 देशों की कम्पनियों के लगभग 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव शामिल हैं।
इन प्रस्तावों में हीरानन्दानी गुप द्वारा डाटा सेण्टर में 1000 करोड़ रुपए से अधिक, ब्रिटानिया इण्डस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा एकीकृत खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपए, एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड पी0एल0सी0 (एबी मौरी) (यूके) द्वारा खमीर मैन्यूफैक्चरिंग में 750 करोड़ रुपए, डिक्सन टेक्नोलॉजीज़ द्वारा कन्ज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स में 200 करोड़ रुपए, वाॅन वेलेक्स (जर्मनी) द्वारा फुटवियर निर्माण में 300 करोड़ रुपए, सूर्या ग्लोबल फ्लेक्सी फिल्म्स प्रा0लि0 द्वारा पी0ओ0पी0पी0, बी0ओ0पी0ई0टी0, मेटालाइज फिल्म्स प्रोडक्शन प्लाण्ट में  953 करोड़ रुपए, मैक सॉफ्टवेयर (यू0एस0) द्वारा सॉफ्टवेयर विकास में 200 करोड़ रुपए, एकैग्रेटा इंक (कनाडा) द्वारा खाद्यान्न अवस्थापना उपकरणों में 746 करोड़ रुपए, एडिसन मोटर्स (दक्षिण कोरिया) द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों में 750 करोड़ रुपए, याज़ाकी (जापान) द्वारा वायरिंग हारनेस तथा कम्पोनेट्स में 2000 करोड़ रुपए का निवेश शामिल हैं। प्रदेश में स्थापित किए जा रहे डिफेंस काॅरिडोर के तहत राज्य सरकार को अब तक 50 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव भी मिले हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों के परम्परागत एवं विशिष्ट उत्पाद के संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए वर्ष-2018 में ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना प्रारम्भ की गई। इस योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा विपणन सहायता, तकनीकी और कौशल उन्नयन सहायता, प्रशिक्षण और आसान ऋण जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना, हीरानंदानी समूह के संस्थापक एवं अध्यक्ष डाॅ0 निरंजन हीरानंदानी, हीरानंदानी समूह के सी0ई0ओ0 श्री दर्शन हीरानंदानी ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर इलेक्ट्राॅनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री अजीत सिंह पाल, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री आलोक कुमार, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 तथा सूचना श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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