मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर प्रतापगढ़ में राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और जौनपुर में माफिया धनंजय सिंह की पत्नी ने जीत हुई है। शनिवार को हुए चुनाव में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक की प्रत्याशी माधुरी देवी पटेल ने 40 मत पाकर जीत दर्ज की जबकि जौनपुर में धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी ने 83 में से 43 वोट लेकर विजय हासिल किया। भदोही में भाजपा से बगावत करके चुनाव लड़े पार्टी विधायक रविन्द्र त्रिपाठी के भाई ने अधिकृत भाजपा प्रत्याशी की जमानत जप्त करवा के विजय हासिल किया।
प्रतापगढ़ में पूरे दिन हंगामे और विरोध के बीच सभी 57 जिला पंचायत सदस्यों में से 51 ने ही मतदान किया। तीन बजे के बाद मतों की गणना हुई। जिसमें 40 मत जनसत्ता दल लोतांत्रिक पार्टी की प्रत्याशी माधुरी देवी पटेल को मिले। चुनाव का बहिष्कार करते हुए भाजपा की उम्मीदवार क्षमा सिंह ने मतदान नहीं किया, उन्हें सिर्फ तीन वोट मिले। सपा प्रत्याशी अमरावती देवी यादव को छह वोट प्राप्त हुए। दो मत अवैध घोषित हो गए। कड़ी सुरक्षा के बीच डीएम ने विजयी प्रत्याशी माधुरी देवी को प्रमाण पत्र दिया। इसके बाद उन्हें राजा भैया की कोठी भेजा गया।
जौनपुर में निर्दल खड़ी हुई धनन्जय सिंह की पत्नी श्रीकलां ने जीत हासिल कर ली है। 83 में से श्रीकलां को 43 वोट मिले हैं। भाजपा-अपना दल गठबंधन की प्रत्याशी रीता पटेल ने चुनाव से पहले ही श्रीकला के पक्ष में बैठने की घोषणा कर डॉन की बीबी के जीत की नींव रख दी थी। यहां धनन्जय सिंह की पत्नी श्रीकला धनजय सिंह, सपा से निशि यादव, अपना दल से रीता पटेल और भाजपा की बागी नीलम सिंह मैदान में थीं। श्रीकला को 43, सपा की निशी यादव को 12 और भाजपा बागी नीलम सिंह को 28 मत मिले हैं। रीता पटेल ने अपना मत भी श्रीकला को दे दिया। इससे उन्हें कोई मत नहीं मिला।
अपना दल के राष्ट्रीय सचिव पप्पू माली ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया की गठबंधन के बाद भी बीजेपी ने साथ नहीं दिया इसीलिए उनके उम्मीदवार समेत सभी 6 सदस्यों ने निर्दल प्रत्याशी श्रीकला सिंह को समर्थन कर दिया है। भदोही में भाजपा विधायक रविन्द्र त्रिपाठी के भाई अनिरुद्ध त्रिपाठी जीते हैं। उन्हें 20 मत मिले। भाजपा की तरफ से मैदान में उतरे अमित सिंह को 4 वोट मिले। हालांकि बाद में भाजपा ने अमित से समर्थन वापस ले लिया था। वहीं, एक वोट निरस्त रहा जबकि एक वोट पड़ा ही नहीं।
चुनाव परिणाम आने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लिखित बयान ज़ारी कर कहा कि जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में लोकतांत्रिक मान्यताओं का तिरस्कार हुआ। सत्ताधारी दल ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को एक मजाक बना दिया।सत्ता का ऐसा बदरंग चेहरा कभी नहीं देखा गया। भाजपा ने मतदाताओं के अपहरण, मतदान से रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन का सहारा लिया।
प्रशासनिक अधिकारियों को अखिलेश यादव ने चेताया सपा सरकार आने पर ऐसे अफसरों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। बहुजन समाज पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ी थी। कांग्रेस का खाता नहीं खुला। 75 में भाजपा-65, सपा-6 व अन्य-4 सीटों पर जीत दर्ज किया।