मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। राजधानी की पीजीआई पुलिस ने सोना-चांदी में निवेश के नाम पर करोड़ों रुपये हड़पने के आरोपी 50 हजार का इनामी अजीत गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है।
अनेक मुकदमों में वांछित अजीत पर एक मुकदमा दो दिन पहले ही विभूतिखंड कोतवाली में दर्ज कराया गया। इसके अलावा अयोध्या, सुलतानपुर और नोएडा में भी कार्यालय खोले थे। अजीत के पकड़े जाने की खबर मिलते ही उसे छुड़ाने के लिये पुलिस पर कई बड़ों के फोन पुलिस के पास आए लेकिन किसी की नहीं चली। वहीं महिला आईएफएस अधिकारी भी अजीत की बेहद करीबी हैं। एसीपी कैंट डा. बीनू सिंह ने बताया कि पीजीआई कोतवाली में छह जून को अजीत के खिलाफ एफआईआर हुई थी। तब से उसकी तलाश हो रही थी। वर्ष 2010 में अजीत ने एनी बुलियन के नाम से फर्म बनाई थी। जिसमें उसके भाई राम गोपाल और विष्णु भी शामिल हैं। इंस्पेक्टर केके मिश्र के मुताबिक यूपी के साथ ही दिल्ली, उत्तराखण्ड और हिमांचल प्रदेश में भी एनी बुलियन के नाम से कार्यालय खोले थे। इसके जरिये 10 साल में अजीत ने 600 करोड़ रुपये की सम्पत्ति अर्जित की थी। अजीत गुप्ता की गिरफ्तारी होते ही निवेशक पीजीआई कोतवाली पहुंच गये। वृंदावन निवासी अरुण सिंह के मुताबिक भरोसा जीतने के लिये आरोपी ने स्कीम में निवेश करने वाले पुराने लोगों से हासिल रुपये का कुछ हिस्सा मुनाफे के तौर पर निवेशकों को दे देता था। इस तरीके से करीब छह साल तक अजीत कारोबार चलाता रहा। वर्ष 2016 में नोटबंदी होने पर निवेशकों ने रुपये लौटाने का दबाव बनाया। इससे ही अजीत और फंसता चला गया। इस वजह से उसने निवेशकों को चेक दे दिये। पर, ये चेक बाउंस हो गये। इसके बाद ही वह भाग निकला था।
शातिर अजीत ने एनी कमोडिटी और सिक्योरिटी के नाम से दो फर्म बनाई थी। अजीत ने एनी बुलियन नाम से फार्म बना कर स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर भी कराया था। अजीत के इस पैतरें के कारण भी निवेशक आसानी से उसके झांसे में फंस जाते थे।