लखनऊ: 29 नवम्बर, 2020
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रत्येक जनपद में ईको टूरिज्म की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि इस दृष्टि से जनपद पीलीभीत में चूका, उन्नाव में नवाबगंज पक्षी विहार, आगरा का सूरसरोवर पक्षी विहार, सहारनपुर की शिवालिक पहाड़ियां, महराजगंज के सोहगीबरवां और संतकबीरनगर के बखिरा में ईको टूरिज्म से जुड़ी सभी संभावनाओं को देखा जाए। उन्होंने वन विभाग को टेक्नॉलोजी से जोड़ने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित उत्तर प्रदेश राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य वन्य जीव बोर्ड ईको टूरिज्म की सभी संभावनाओं को आगे बढ़ाने का कार्य करे। इसका उपयोग राज्य हित में है। उन्होंने निर्देश दिए कि वन्य क्षेत्रों के पास पड़ने वाली आबादी के इच्छुक युवाओं को गाइड का प्रशिक्षण दिया जाए। इससे स्थानीय स्तर पर गाइड मिल सकेंगे। साथ ही नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर भी बढे़ंगे। यही लोग वन्य जीवों की रक्षा भी करेंगे। इस दिशा में गम्भीरता से प्रयास किया जाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में बोर्ड ने उन सभी संभावनाओं के प्रति अपनी रुचि दिखाई है, जो राज्य के अंदर वन्य जीवों के संरक्षण के साथ पर्यटन विकास की संभावनाओं को भी आगे बढ़ा सकता है। जितनी संभावनाएं उत्तर प्रदेश में हैं, उन सभी को आगे बढ़ाने के लिए राज्य वन्य जीव बोर्ड के साथ पर्यटन विभाग और इस क्षेत्र में कार्यरत अन्य संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाए। जब किसी कार्यक्रम से लोग जुड़ते हैं तो उसकी सफलता और लोकप्रियता भी बढ़ जाती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना काल के बावजूद इस वर्ष वन विभाग ने 25 करोड़ पौधरोपण किया। इसमें सभी विभागों और संस्थाओं ने अपना योगदान दिया। पिछले साल करीब साढ़े 23 करोड़ और उससे पहले 11 करोड़ पौधरोपण हुआ। वर्ष 2017 में पांच करोड़ पौधरोपण हुआ। यह प्रकृति संरक्षण के लिए बहुत बड़ा अभियान है। हम धरती को जितना वनों से आच्छादित करेंगे, इस सृष्टि के लिए भी उतना ही अनुकूल होगा। इसमें केवल मनुष्य नहीं, सभी का कल्याण है। वन्य जीवों की सुरक्षा और उनके संरक्षण की दिशा में बहुत प्रभावी रूप से काम करना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि वन महोत्सव में वन्य जीव बोर्ड के सभी सदस्यों की सहभागिता के लिए अनिवार्य रूप से स्थानीय और राज्य स्तर के सभी कार्यों में उन्हें सहभागी बनाएं। हर स्तर पर उनका सहयोग और उनका सुझाव लिए जाएं। उनसे आनलाइन विचार और सुझाव लेने की भी व्यवस्था की जाए। जितनी अधिक जानकारी आएगी, वह उतनी ही रचनात्मक और उपयोगी सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वन विभाग को टेक्नॉलोजी से जोड़ने की दिशा में शीघ्रता से कार्य किया जाए। इसे प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया जाए। यह हमारे लिए वन आच्छादन को आगे बढ़ाने तथा वन्य जीवों के संरक्षण में भी काफी कारगर होगा।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित उत्तर प्रदेश राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य वन्य जीव बोर्ड ईको टूरिज्म की सभी संभावनाओं को आगे बढ़ाने का कार्य करे। इसका उपयोग राज्य हित में है। उन्होंने निर्देश दिए कि वन्य क्षेत्रों के पास पड़ने वाली आबादी के इच्छुक युवाओं को गाइड का प्रशिक्षण दिया जाए। इससे स्थानीय स्तर पर गाइड मिल सकेंगे। साथ ही नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर भी बढे़ंगे। यही लोग वन्य जीवों की रक्षा भी करेंगे। इस दिशा में गम्भीरता से प्रयास किया जाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में बोर्ड ने उन सभी संभावनाओं के प्रति अपनी रुचि दिखाई है, जो राज्य के अंदर वन्य जीवों के संरक्षण के साथ पर्यटन विकास की संभावनाओं को भी आगे बढ़ा सकता है। जितनी संभावनाएं उत्तर प्रदेश में हैं, उन सभी को आगे बढ़ाने के लिए राज्य वन्य जीव बोर्ड के साथ पर्यटन विभाग और इस क्षेत्र में कार्यरत अन्य संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाए। जब किसी कार्यक्रम से लोग जुड़ते हैं तो उसकी सफलता और लोकप्रियता भी बढ़ जाती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना काल के बावजूद इस वर्ष वन विभाग ने 25 करोड़ पौधरोपण किया। इसमें सभी विभागों और संस्थाओं ने अपना योगदान दिया। पिछले साल करीब साढ़े 23 करोड़ और उससे पहले 11 करोड़ पौधरोपण हुआ। वर्ष 2017 में पांच करोड़ पौधरोपण हुआ। यह प्रकृति संरक्षण के लिए बहुत बड़ा अभियान है। हम धरती को जितना वनों से आच्छादित करेंगे, इस सृष्टि के लिए भी उतना ही अनुकूल होगा। इसमें केवल मनुष्य नहीं, सभी का कल्याण है। वन्य जीवों की सुरक्षा और उनके संरक्षण की दिशा में बहुत प्रभावी रूप से काम करना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि वन महोत्सव में वन्य जीव बोर्ड के सभी सदस्यों की सहभागिता के लिए अनिवार्य रूप से स्थानीय और राज्य स्तर के सभी कार्यों में उन्हें सहभागी बनाएं। हर स्तर पर उनका सहयोग और उनका सुझाव लिए जाएं। उनसे आनलाइन विचार और सुझाव लेने की भी व्यवस्था की जाए। जितनी अधिक जानकारी आएगी, वह उतनी ही रचनात्मक और उपयोगी सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वन विभाग को टेक्नॉलोजी से जोड़ने की दिशा में शीघ्रता से कार्य किया जाए। इसे प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया जाए। यह हमारे लिए वन आच्छादन को आगे बढ़ाने तथा वन्य जीवों के संरक्षण में भी काफी कारगर होगा।
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