नई दिल्ली। भारत में अब तक केवल दो एकीकृत कमांड हैं, जबकि 17 एकल-सेवा कमांड (सेना 7, IAF 7 और नौसेना 3) के रूप में हैं। अक्टूबर 2001 में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पहला और एकमात्र “भौगोलिक” कमांड स्थापित किया गया था, जबकि देश के परमाणु शस्त्रागार को संभालने के लिए “कार्यात्मक” सामरिक बल कमान जनवरी 2003 में अस्तित्व में आया था। डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स ने एक नई एयर डिफेंस कमांड (एडीसी) गठित करने का फैसला लिया है। इसकी घोषणा देश के पहले सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने पद संभालने के बाद इसी साल जनवरी में की थी। इसके तहत उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अक्टूबर माह तक नई एयर डिफेंस कमांड गठित की जा सकती है। इसके बनने के बाद पूरे देश के एयर डिफेंस को यही एयर डिफेंस कमांड संचालित करेगा।
नया एयर डिफेंस कमांड (एडीसी) बनाने की सिफारिश
इस एयर डिफेंस कमांड का गठन भारतीय वायुसेना की मध्य कमान मुख्यालय के साथ किया जाना प्रस्तावित है, जो आगरा, ग्वालियर और बरेली सहित महत्वपूर्ण एयरबेस को नियंत्रित करता है। इसका उद्देश्य तीनों सेनाओं के संसाधनों को एक कमांड के तहत संयोजित करके इसे देश के एयरस्पेस की सुरक्षा के लिए सक्रिय करना है। इस बारे में वायुसेना के वाइस चीफ एयर मार्शल एचएस अरोड़ा ने एक अध्ययन करके तीनों सेनाओं को मिलाकर नया एयर डिफेंस कमांड (एडीसी) बनाने की सिफारिश की थी। इसी के तहत वायु सेना अधिकारी के निर्देशन में कमांड की संरचना तैयार करने के लिए काम तेज कर दिया गया है। इस वर्ष 8 अक्टूबर को एयरफोर्स डे के आसपास प्रयागराज में एयर डिफेंस कमांड बनने की घोषणा की जा सकती है। इसका नेतृत्व भारतीय वायुसेना के जनरल (एयर मार्शल) करेंगे।
पहला फैसला हवा में भारत की ताकत को बढ़ाने के लिए
पाकिस्तान तथा चीन के खतरे को देखते हुए इस साल जनवरी में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनने के बाद जनरल बिपिन रावत ने पहला फैसला हवा में भारत की ताकत को बढ़ाने के लिए एक एयर डिफेंस कमांड को तैयार करने के लिए किया था। उन्होंने प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश देने के साथ ही एयर डिफेंस कमांड का खाका तैयार करने के लिए 30 जून की समय सीमा तय की थी। इसके साथ ही उन्होंने तीनों सेनाओं के बीच आपसी सहयोग और तालमेल के लिए 31 दिसम्बर तक तमाम पहलों को लागू करने की प्राथमिकताएं भी तय की थीं। यह बात सही है कि पाकिस्तान तथा चीन के खतरे को देखते हुए तीनों सेनाओं को एकीकृत करने की जरूरत है। इसीलिए जनरल बिपिन रावत ने जनवरी में घोषणा की थी कि नई एयर डिफेंस कमांड तीनों सेवाओं के बीच एकीकरण के लिए पहली नई संयुक्त कमान होगी।
देश के एयरस्पेस की रक्षा
एडीसी की स्थापना के बाद इंटीग्रेटेड तरीके से होस्टाइल एयरक्राफ्ट, मिसाइल, हेलीकॉप्टर और ड्रोन से देश के एयरस्पेस की रक्षा की जा सकेगी। इस कमांड के बनने के बाद तीनों सेनाओं की शक्ति को साथ मिलाकर देश के एयर डिफेंस को मजबूत किया जाएगा।भारत में अब तक केवल दो एकीकृत कमांड हैं। इसके अलावा 17 एकल सेवा कमांड हैं जिनमें भारतीय सेना और वायुसेना की सात-सात और नौसेना की 3 हैं। चीन से जुड़ी समुद्री सीमा पर नौसेना की अंडमान-निकोबार कमांड (एएनसी) 2001 में बनाई गई थी।
सीडीएस एक कम्बाइंड समुद्री कमांड बनाने पर भी काम
यह कमांड देश की पहली और इकलौती है, जो एक ही ऑपरेशनल कमांडर के अधीन जमीन, समुद्र और एयर फोर्स के साथ काम करती है।देश के परमाणु शस्त्रागार को संभालने के लिए सामरिक बल कमान जनवरी 2003 में अस्तित्व में आया था। इसके साथ ही सीडीएस एक कम्बाइंड समुद्री कमांड बनाने पर भी काम कर रहे हैं। इसे या तो केरल के कोच्चि या फिर कर्नाटक के करवार में बनाया जाएगा।
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