पुलिस की गिरफ्त में आया मुख्यमंत्री का फर्जी सलाहकार 

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मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। रायबरेली में मुख्यमंत्री का फर्जी सलाहकार बन पुलिस पर दबाव बनाने वाले 25 हज़ार के इनामिया समेत तीन आरोपियों को पुलिस ने दबोच लिया। पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने गुरुवार को बताया कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फ़र्ज़ी सलाहकार बन पुलिस को दबाव में लेने वाले वांछित इनामी कार सवार मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से कीमती कारे जिसमें मर्सडीज और बीएमडब्ल्यू और अन्य कीमती चीजे बरामद हुई।

एसपी के पीआरओ रविन्द्र सोनकर ने कोतवाली नगर में तहरीर दिया कि जब वह कार्यालय पर पुलिस अधीक्षक के साथ ड्यूटी पर मौजूद थे। उसी दौरान लैण्डलाइन फोन पर 9454436733 नवम्बर से फोन आया जिसमें कहा गया कि पुलिस अधीक्षक मोबाइल नम्बर 9454000588 पर मुख्यमंत्री के सलाहकार से बात कर लें। पुलिस अधीक्षक ने बात की तो उपलब्ध व्यक्ति ने अपना परिचय मुख्यमंत्री के सलाहकार के रुप में देकर कहा कि उसके परिचित डॉ0 सलीम अथवा उनके परिवारीजन अपनी बहन के प्रकरण में मिलने आयेंगे, जिसमें उनके प्रार्थना-पत्र पर कठोर कार्रवाई की जाये।

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उन्होंने बताया कि जब फोन की बाबत मुख्यमंत्री कार्यालय से जानकारी की गयी तो पता चला कि इस सम्बन्ध में वहां से कोई फोन नहीं किया गया। उसके बाद सर्विलांस सेल ने उपरोक्त नम्बर की डिटेल पता किया तो पता चला कि दोनों मोबाइल नम्बर अलग-अलग नाम से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जारी कराये गये थे। इस सम्बन्ध में दर्ज मामले में आरोपी डॉ0 अब्दुल सलीम को आलम नगर से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपी ने पूछताछ करने पर बताया कि उसने अपने भाई अब्दुल हनीफ के साथ मिलकर अपनी बहन के ससुरालीजनों को जेल भेजने के लिये योजना बनायी। जिसमें सैय्यद नसर नफीस उर्फ साहिल ने कहा था कि वे लोग मुख्यमन्त्री के फ़र्ज़ी सलाहकार बनकर पुलिस अधीक्षक को फोन करके दबाव बनाकर तुम्हारा काम करवा देंगे।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मुख्यमंत्री के सलाहकार बनकर बात करने वाले फरार आरोपी सैय्यद नसर नफीस उर्फ साहिल पर 25 हजार का इनाम घोषित था। एसओजी सर्विलांस और कोतवाली रायबरेली की सयुंक्त टीम ने फरार आरोपी और उसके दो साथियों लखनऊ निवासी साथी प्रदीप शुक्ला और शादाब को बीएसएस स्कूल इंद्रा नगर कोतवाली रायबरेली के पास से मर्सडीज और बीएमडब्ल्यू कार व कीमती सामान के साथ 10 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया। बरामद कार को सीज कर दी गई है।

गिरफ्तार सैय्यद नसर नफीस उर्फ साहिल ने बताया कि उसने अपने चालक श्याम कुमार के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सीयूजी नंबर से मिलता जुलता सिम लिया था तथा पूर्व गिरफ्तार आरोपी डॉ0 अब्दुल सलीम से 30 हज़ार रुपए एडवांस में लिया था। साहिल पुराना हिस्ट्रीशीटर है, जिसके खिलाफ गैंगेस्टर समेत कई मुकदमे चल रहे है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया।

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