मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। विधानसभा के बजट सत्र के प्रारंभ होने के ठीक पहले महराजगंज जिले की नौतनवां सीट से निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी को अपहरण के एक मामले में कोर्ट ने फरार घोषित करने के साथ ही वारंट भी जारी किया है।
18 फरवरी से 10 मार्च तक उत्तर प्रदेश विधानमंडल की कार्यवाही प्रस्तावित है। पत्नी सारा की हत्या के आरोप में सीबीआइ की जांच झेल रही अमन मणि को कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने तथा पुलिस से उलझने के कारण करीब छह महीना पहले उत्तराखंड में गिरफ्तार किया गया था। अब वह फिर नये विवाद में हैं। लखनऊ में कवियत्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले में पत्नी सहित आजीवन कारावास की सजा झेल रही पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी के विधायक पुत्र अमनमणि भी उनकी राह पर हैं। अपहरण के एक मामले में कई वारंट के बाद भी पेश न होने वाले निर्दलीय विधायक अमन मणि को एमपी/एमएलए कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया है। विशेष न्यायाधीश पीके राय ने मामले में अमन मणि की संपत्ति को कुर्क करने का निर्देश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई चार मार्च को होगी। निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी के खिलाफ फिरौती के लिए गोरखपुर के एक व्यापारी के अपहरण का मामला दर्ज है। केस लखनऊ के गौतमपल्ली थाना में दर्ज है। आरोप है अमन मणि त्रिपाठी ने अपने कुछ साथियों के साथ गोरखपुर के व्यापारी ऋषि पाण्डेय का लखनऊ से अपहरण कर लिया था। इस दौरान व्यापारी के साथ रास्ते में मारपीट की गई। अमन मणि पर आरोप है कि उन्होंने व्यापारी को रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी थी। अमनमणि और उसके साथियों के खिलाफ लखनऊ के गौतमपल्ली पुलिस स्टेशन में छह अगस्त 2014 को मामला दर्ज किया गया था। व्यापारी के अपहरण, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के मामले में लखनऊ की पुलिस ने अमन मणि त्रिपाठी के खिलाफ 28 जुलाई 2017 को चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद इस मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट की तारीखों पर अमनमणि की तरफ से बीमारी का हवाला देकर लगातार हाजिरी माफी की अर्जी लगाई जा रही थी। जिस पर कोर्ट ने कार्रवाई करते हुए अमन मणि को भगोड़ा घोषित कर गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। अमन मणि त्रिपाठी पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के पुत्र हैं। अमरमणि त्रिपाठी लखनऊ में 2003 में कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के आरोप में गोरखपुर जेल में पत्नी के साथ उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।