महाराष्ट्र से 2127 श्रमिक पहुंचे गोरखपुर

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मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन के कारण महाराष्ट्र में फंसे 2127 मजदूरों को लेकर दो श्रमिक स्पेशल ट्रेन गोरखपुर पहुंची हैं। प्लेटफार्म पर ट्रेन के पहुंचने के बाद यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग की गई। जांच के बाद एक-एक यात्री का नाम दर्ज करके उन्हें बस में बैठाकर उनके खाने पीने का सामान देकर उनके गांवों की ओर रवाना किया गया।
manoj shrivastav
प्रशासन ने मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए 60 बसों का इंतजाम किया है। एडीएम सिटी आरके श्रीवास्‍तव ने बताया कि 23 मार्च के बाद रविवार को पहली श्रमिक स्पेशल देर रात 1:30 बजे के करीब गोरखपुर पहुंची। ये ट्रेन महाराष्ट्र के वसई और भिवंडी से रवाना हुई थी। दूसरी ट्रेन सोमवार सुबह 5.15 बजे प्‍लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची। पहली ट्रेन में 1145 श्रमिक और दूसरी ट्रेन से 982 यात्री सवार थे। इनका थर्मल चेकअप करने के बाद नाम, पता, मोबाइल नंबर और अन्‍य विस्‍तृत जानकारी नोट की गई। इसके बाद उन्‍हें बसों से घर भेजा जा रहा है। एनडीआरएफ के इंस्‍पेक्‍टर गोपी गुप्‍ता ने कहा- ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके, इसके लिए एक बोगी में महज 54 लोगों को ही प्रवेश दिया गया था। रास्ते में किसी तरह की असुविधा से बचने के लिए आरपीएफ स्टाफ के साथ ही टीटीइ भी तैनात किए गए थे। बीच के स्टेशनों पर श्रमिकों के लिए जलपान की व्यवस्था की गई थी। लॉक डाउन में पहली बार गोरखपुर पहुंची यात्री ट्रेन को देखते हुए रेलवे के साथ ही जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद दिखी। बसों का संचालन संभाल रहे एसपी सिटी विपुल श्रीवास्तव ने बताया कि इन यात्रियों में से ज्यादातर सिद्धार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया व गोरखपुर के थे। गोरखपुर में खजनी, बांसगांव और गोला तहसील के रहने वाले हैं।सिद्धार्थनगर जाने वालों में ज्यादा यात्री डुमरियागंज व इटवा तहसील के थे। जिला प्रशासन तथा रेलवे के अधिकारी इस दौरान मुस्तैद थे और रेलगाड़ियों से आए श्रमिकों एवं कामगारों की थर्मल स्क्रीनिंग तथा दस्तावेजों की जांच के बाद उन्हें बसों के माध्यम से जिले की विभिन्न तहसीलों में उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। इस दौरान रेलवे स्टेशन और बसों के अंदर भी सामाजिक दूरी का पूरा ख्याल रखा गया। सभी को उनके गांव व शहर के बाहर बने कोरेन्टीन सेंटर में 14 दिन रहने के बाद ही घर जाने दिया जायेगा। डुमरियागंज जाने वाले एकलाख ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आभार जताया कि उन्होंने रमजान में घर भेज दिया।
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