मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। पंजाब की रोपड़ जेल में बंद घोसी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की अर्जी पर माननीयों की विशेष अदालत ने स्पष्ट किया है कि इनकी गवाही स्थगित रहेगी। हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप बाद में कराई जाएगी। वीडियो कांफ्रेंसिंग से गवाही दर्ज कराने की मांग अदालत ने स्वीकार नहीं की। सुरक्षा को देखते हुए गाजीपुर एवं प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ अन्य गवाहों को पेश करने का आदेश दिया गया। यह आदेश विशेष न्यायालय के न्यायाधीश आलोक श्रीवास्तव ने मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता एवं बृजेश सिंह के अधिवक्ता प्रमोद सिंह नीरज व अभिषेक त्रिपाठी के तर्कों को सुन कर दिया।
अदालत ने कहा कि इस न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इस संबंध में जिला जज को पत्र लिखा जाए, अभियोजन पक्ष को निर्देश दिया कि गवाहों की उपस्थिति नीयत तारीख पर कराई जाए। सुप्रीम कोर्ट के दिए गए निर्देशों के अनुसार गवाहों की उचित सुरक्षा प्रयागराज व गाजीपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक करेंगे। गवाही दर्ज किए जाने के लिए पत्रावली 3 फरवरी 2021 को पेश की जाए।
गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने में वर्ष 2001 में बृजेश सिंह व अन्य के विरुद्ध कातिलाना हमला करने और हत्या करने का मुकदमा मुख्तार अंसारी ने दर्ज कराया था। इसमें आरोप लगाया गया है कि मोहम्मदाबाद गाजीपुर में बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह और उसके साथियों के द्वारा एके-47 जैसे स्वचालित घातक हथियारों से घात लगाकर किए गए हमले में वह घायल हो गए और उसकी तरफ से कई अन्य भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस हमले में अंगरक्षक सहित दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी।
इस मामले में बृजेश सिंह व अन्य के विरुद्ध 13 जनवरी 2013 को आरोप भी तय कर दिया था। इसके पश्चात से लगातार पत्रावली गवाही के लिए विचाराधीन है। पुलिस ने आरोप पत्र में कुल 46 गवाहों को नामित किया है जिसमें चोटहिल साक्षी मुख्तार अंसारी का भी नाम शामिल है।
चूंकि हाईकोर्ट ने मुकदमे को एक वर्ष में पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया है इसलिए अदालत ने आदेश दिया कि मुख्तार अंसारी को छोड़कर शेष अन्य गवाहों की गवाही दर्ज की जाए। मुख्तार अंसारी के संबंध में हाईकोर्ट के द्वारा पारित आदेशों के अधीन कराई जाएगी।