बागपत में धरना दे रहा किसान मरा, सहारनपुर में पराली जलाने के आरोप में दर्जन भर किसान गिरफ्तार, झांसी में नहर से पानी न आने पर किसान 5 दिन से धरना दे रहे
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बागपत में नये क्रय केंद्र की मांग को लेकर जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय पर धरने पर बैठे किसान श्योराज सिंह (62) की ह्दयगति रूक जाने से मौत हो गई। किसान की मौत से गांव में गम का माहौल बन गया। पूर्व प्रधान कुलदीप सिंह ने बताया कि किसान धरने पर बैठे थे।
बुधवार को अचानक किसान श्योराज सिंह को दिल का दौरा पड़ा। धरनारत किसान उन्हें लेकर बड़ौत के नर्सिंग होम पहुंचे, जहां से मेरठ के लिए रेफर कर दिया गया। मेरठ ले जाते हुए रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। इस दुःखद घटना के बाद गांव में मातम पसर गया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। बता दें कि गाधी गांव में नए क्रय केंद्र को लेकर किसान पांच दिन से धरने पर बैठे हुए हैं।इस घटना के बाद भी सभी किसान अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। किसान नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार ने वादा किया था कि किसानों को गन्ना मिलों से गन्ना मूल्य का भुगतान 14 दिन के भीतर करा देंगे। आज गन्ना किसानों का 300 करोड़ मिलों पर बाकी है, 5-10 हजार के बिजली बकाये पर किसानों की बिजली काट कर उनकी सार्वजनिक बेज्जती की जा रही है। यदि सरकार समय से हमारे गन्ने का भुगतान करा देती तो हम बिजली का बिल क्यों बकाया रखते। मिल मालिक गन्ना किसानों का पैसा हड़प कर निश्चिंत बैठे हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। सरकार मिल मालिकों से मिल गयी है। सरकार ने गन्ने का मूल्य मात्र 325 रुपये रखा है, जो बहुत न्यूनतम है। मुख्यमंत्री वर्तमान गन्ना मूल्य 325 से बढ़ा कर 600 रुपया प्रति कुंतल करें।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में किसानों की आय दूना करने का वादा किया था। गन्ना की खेती में लगने वाली लागत से सापेक्ष जब तक किसानों को 600 रुपया प्रति कुंतल नहीं मिला तो किसान की दोगुना आमदनी का वादा ध्वस्त हो जायेगा।सहारनपुर में पराली जलाने को लेकर दर्जन भर किसानों की गिरफ्तारी हुई है। लेखपाल की शिकायत के बाद सहारनपुर देहात कोतवाली क्षेत्र में 6 किसानों की गिरफ्तारी हुई है। शेष 6 किसान जिले के अन्य थाना क्षेत्रों से गिरफ्तार हुये हैं। झांसी में नहर में पानी न आने से किसान परेशान होकर 5 दिनों से धरना दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि पिछले 50 वर्षों से 1 से 15 नवंबर तक नहर में पानी आ जाता था। नहर में 50 दिन पहले पानी छोड़ा जाता है तब पानी झांसी के किसानों के खेत तक समय से पहुंचता है। अब तो पानी आ भी जाये तो हमारे लिये बेकार है। हम खेती नहीं करेंगे। हम गेहूं, चना, मटर आदि कब बोयेंगे। धरने पर पहुंचे भाजपा विधायक जवाहर लाल लोधी ने भी किसानों की मांगों से सहमति दिखायी। दोका सामना ने जब जिलाधिकारी आंद्रे वामसी से जब इस संदर्भ में बात करना चाहा तो उनके मोबाइल उठाते हुये उनके अर्दली ने कहा कि साहब मीटिंग में हैं, एडीएम साहब से बात करिये। जब एडीएम का मोबाइल उठा तो उन्होंने कहा कि एक्सईएन उमेश कुमार से बात करिये। जब उमेश कुमार से बात हुई तो उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 1-12 नवम्बर तक पानी आ गया था। नहर में लगभग 300 किसानों ने पम्पिंग सेट लगा रखा है। जिसके कारण पानी नहर के दूसरे छोर तक अभी नहीं पहुंच पाया है। हम लोग दिन-रात काम कर रहे हैं, दो-तीन दिन में पानी आ जायेगा