यूपी में राज्यसभा सीट को लेकर राजनैतिक घमासान, टीपू ने दिखाया भाजपा और बसपा को आसमान!

0
191

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बड़ा उलटफेर कर दिया है। बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के पांच विधायकों ने समाजवादी पार्टी का रुख कर लिया। जिसके चलते इस चुनावी मैदान में अखिलेश ने भाजपा और बसपा के अघोषित गठजोड़ पर पानी फेर दिया। बता दें कि बुधवार को राज्यसभा चुनाव के दौरान बहुजन समाज पार्टी में बगावत हो गई है। बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रामजी गौतम के पांच प्रस्तावकों (विधायक) ने निर्वाचन अधिकारी से अपना नाम वापस लेने का आवेदन कर दिया है। पांचों विधायक असलम चौधरी, असलम राईनी, मुज्तबा सिद्दिकी, हाकम लाल बिंद, गोविंद जाटव विधानसभा पहुंचकर आवेदन दिया है। बुधवार को नामांकन पत्रों की जांच हो रही है। इस संबंध में बसपा विधानमंडल दल नेता लाल जी वर्मा ने कहा कि सभी विधायक नामांकन के समय स्वयं मौजूद थे। उनको नाम वापसी का हक नहीं है। इस संबंध में साक्ष्य उपलब्ध करा दिए हैं। राज्यसभा चुनाव अब और दिलचस्प होता नजर आ रहा है। बीएसपी ने अपने प्रत्याशी रामजी गौतम की जीत का गणित ठीक होने का दावा किया था। लेकिन अब समीकरण बिगड़ता नजर आ रहा है। बसपा प्रत्याशी के दस प्रस्तावकों में से चार ने अपना नाम वापस लेने के लिए निर्वाचन अधिकारी को आवेदन दिया है। बताया जा रहा है कि इन विधायकों ने पार्टी से बगावत कर दी है। इसके अलावा चर्चा यह भी है कि कई और विधायक मायावती के खिलाफ जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय में फिलहाल बीएसपी के आधा दर्जन विधायक मौजूद हैं। कुछ और बसपा विधायक भी पहुंच सकते हैं। बसपा विधायक दल में बड़ी टूट की संभावना जताई जा रही है। बता दें कि रामजी गौतम ने बसपा के राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर 26 अक्तूबर को नामांकन किया था, तब उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा व कई अन्य नेता मौजूद थे। बुधवार को जब प्रस्तावक अपना नाम वापस लेने के लिए विधानसभा आए तो हलचल मच गई। राज्यसभा चुनाव की दस सीटों पर चुनाव होना है, जिसके लिए कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। भाजपा की ओर से आठ, समाजवादी पार्टी के एक, बहुजन समाज पार्टी के एक और एक निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। दोपहर में बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा व पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने विधानसभा पहुंच कर दावा किया कि हमारे किसी विधायक ने आपत्ति नहीं दर्ज करायी है। हमारे प्रत्याशी ने तीन सेट में नामांकन किया था। एक सेट पूरी तरीके से त्रुटिरहित है। बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने बताया कि सपा समर्थित निर्दल प्रत्याशी ने अपने प्रस्तावकों में जिस नवाब जान नाम के विधायक के हस्ताक्षर कराया है उस नाम का कोई विधायक नहीं है। समाजवादी पार्टी नहीं चाहती कि कोई दलित का बेटा राज्यसभा जाये। उसके बाद समाजवादी पार्टी समर्थित निर्दल उम्मीदवार प्रकाश बजाज के नामांकन पत्र पर भारतीय जनता पार्टी ने आपत्ति जताई है। भाजपा की ओर से संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना व महामंत्री जेपीएस राठौर ने शपथपत्र अधूरा भरा होने के अलावा एक प्रस्तावक का नाम गलत होने की शिकायत निर्वाचन अधिकारी के पास दर्ज कराई है। खन्ना का कहना है कि जिस प्रस्तावक का नाम लिखा है उसका नाम वोटर लिस्ट में शामिल नहीं है।

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here