मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश की प्रावधिक शिक्षा मंत्री कमलारानी वरुण की कोरोना से मौत हो गयी। श्रीमती वरुण को दो दिन से बुखार आ रहा था। जिसके बाद राजधानी के सिविल अस्पताल में उनकी ट्रनेट मशीन से जांच कराई गयी थी। जांच के बाद उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
सिविल अस्पताल की निदेशक डॉ़ मधु सक्सेना ने बताया कि फाइनल जांच के लिए सैंपल केजीएमयू भेजा गया था। जहां उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आयी थीं।इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उन्हें पीजीआई के ट्रामा सेंटर में बने कोविड सेंटर में भर्ती कराया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ के चलते आईसीयू में रखा गया था। शनिवार रात को उनकी तबीयत विगड़ गई थी।
रविवार सुबह अचानक तबीयत और बिगड़ी जिससे उनकी मौत हो गई। पूर्व सांसद एवं वर्तमान में योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री कमला रानी वरुण 1996 एवं 1998 में सांसद चुनी गयी थीं। वर्तमान में वह कानपुर के घाटमपुर से विधायक थीं। उनके निधन की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अयोध्या जाने का कार्यक्रम निरस्त कर दिया। उनका शव लखनऊ से सीधे कानपुर जायेगा।जहां कोविड नियमों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा है कि कमल रानी का अचानक निधन स्तब्धकारी है। वे लोकसभा के सदस्य के रूप में काफी सक्रिय रही हैं। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना एवं सहानुभूति व्यक्त किया। बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसकी जद में नेता और बड़े-बड़े अधिकारी आने लगे हैं।इससे पहले, यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह, होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान, आयुष मंत्री डॉ़ धर्म सिंह सैनी, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उपेंद्र तिवारी, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह तथा दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रघुराज सिंह पॉजिटिव हो चुके हैं। हालांकि राजेंद्र प्रताप अब स्वस्थ्य हो चुके हैं।
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