ये चेहरे के पीछे छिपा चेहरा भी नजर आयेगा
जिंदगी भर तुम यूं ही मेरे साथ रहना,
कुछ में अपनी कहूं, कुछ तुम अपनी कहना,
अपने हाथों में मेरा हाथ थामें रहना,
दिल के घरौंदे में तुम यूं ही खिलखिलाते रहना,
बने हूं हमराज़ तो राज़दार ही रहना,
काल दुष्कर है ,स्वयं को संयमित बनाए रखना है,
एक पट से ही सही,स्वयं को बचाए रखना है,
माना एक भयावह आंधी आई है,
दिल का सुकून घबराहट में बदल रहा,
हर पल एक अनजाना सा डर सता रहा,
क्या यूं ही बीत जाएगी जिंदगी?
किंतु भयभीत होना नहीं,
ना टूटेंगे ,ना झुकेंगे साथ मिलकर हम लड़ेंगे,
यह मुश्किल दौर भी आया है तो निकल जाएगा,
यह चेहरे के पीछे छिपा चेहरा भी नज़र आएगा।।
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डॉ. ऋतु नागर
मां के आंचल में छुप जाऊं , बाबा की बाहों में समा जाऊं,दो पल के लिए ही सही उस बचपन में लौट जाऊं
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