मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, पुलिस, पीएसी, प्रशासनिक अधिकारी, विधायक, पत्रकार सभी को कोरोना ने अपने शिकंजे में कसा है। कोरोना ने राजधानी लखनऊ के पांच पत्रकारों को अपनी चपेट में ले लिया है। कोरोन की वजह से आगरा के एक बड़े संस्थान के पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ 8 मई को मौत हो गयी थी।
अभी तक उनके परिवार को कोई सरकारी आर्थिक सहायता नहीं मिली है। जिलाधिकारी आगरा प्रभु नारायण सिंह ने दो का सामना को बताया कि पंकज कुलश्रेष्ठ के परिजनों को आर्थिक सहायता की मांग को लेकर पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल मिला था। इस संदर्भ में राज्य सरकार को लिखा गया है।
इधर राज्य में भी कोरोना का कहर लगातार जारी है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि उत्तरप्रदेश में पिछले 24 घंटों में 630 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं। वर्तमान समय में कुल एक्टिव केस 5659 हैं। अब तक पूरी तरह से ठीक होकर 9638 लोग डिस्चार्ज हो चुके हैं। कोरोन से 488 लोगों की मौत हुई है। कल प्रदेश में 16546 सैंपलों की टेस्टिंग की गई थी। अब तक प्रदेश में 5 लाख 15 हज़ार 280 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि अब तक प्रदेश में L1 सेंटर 403, L2 सेंटर 75 और L3 सेंटर 25 तैयार हैं। प्रदेश में कुल 1 लाख 1 हज़ार 236 बेड उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य में डेढ़ लाख बेड़ तैयार करने के आदेश दिये हैं। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन-1076 के बाद अब यूपी पुलिस की विंग डायल 112 लखनऊ में भी एक कर्मचारी में कोरोना पाया गया है। यूपी में छह पत्रकार आलोक गुप्ता, अखंड शाही, सुभाष भट्ट, नवलकांत सिन्हा, अनुराग श्रीवास्तव तथा राघवेंद्र पांडेय की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। पत्रकार नेता एवं संवाददाता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने कहा है कि पत्रकार खबर के लिये जान की बाजी नहीं लगायें।
जान है तो जहान है। पत्रकारिता के पेशे के साथ पूरी ईमानदारी बरतने का मतलब ये नहीं कि हम अपनी जिन्दगी की बाज़ी लगा दें। लखनऊ के कर्मठ पत्रकारों का लगातार कोरोना संक्रमित होना बेहद चिंता का विषय है। ये दुखद खबरें वर्किंग जर्नलिस्ट्स को सतर्क और सावधान करने की घंटी भी हैं। उन्होंने कोरोना संक्रमित पत्रकारों के स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए अपील की है कि पत्रकार बंधु पूरी सतर्कता और सावधानी के साथ काम करें। खबर के जुनून में अपनी जान की बाज़ी ना लगायें। पूरी एहतियात और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही फील्ड रिपोर्टिंग करें। श्री तिवारी ने लखनऊ सहित यूपी के तमाम कोरोना संक्रमित पत्रकारों के इलाज में सहयोग के लिए सरकार से आर्थिक सहयोग की मांग की है। साथ ही उन्होंने अपेक्षा की है कि मीडिया संस्थान अपने उन पत्रकारों का पूरा सहयोग करें, जिनके संस्थानों के लिए जोखिम भरी रिपोर्टिंग करने में ये पत्रकार कोरोना संक्रमित हो गये हैं।