मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने लखीमपुर खीरी मामले में खुल कर ब्राह्मण कार्ड खेलेगी? साथ ब्राह्मण विरोधी टैग से घायल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी लगे हाथ अपना भी दाग धब्बे साफ करने को ठान लिया है।
योगी ने शुक्रवार को एक निजी चैनल के कार्यक्रम में कहा कि लखीमपुर में ब्राम्हण भी मारे गए लेकिन वहां कोई नहीं गया। सतीश चंद्र मिश्र, अखिलेश यादव क्यों नहीं गए? नीरज मिश्र की हत्या की गई, संतोष शुक्ला की हत्या की गई, सीएम ने कहा कि ये न ब्राम्हण हितैषी हैं, न हिंदू हितैषी हैं, ये सिर्फ तालिबान के हितैषी हैं। हम न जाति, न मत, न पथ, न संप्रदाय, सबका साथ सबका विकास हमारा प्रयास है।असदुद़्दीन ओवैसी के लखीमपुर मामले में यूपी सरकार पर सवाल उठाने पर योगी ने कहा कि कश्मीर में जो रहा है, कभी उस पर दुख व्यक्त कर दिए होते तो अच्छा होता। लखीमपुर मुद्दे का राजनीतिकरण वही कर रहे हैं, जो तालिबान का समर्थन करते हैं। लखीमपुर में हिंदू और सिखों को लड़ा रहे हैं।
आदित्यनाथ ने आज विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। योगी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ बसपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, एआईएमआईएम सहित तमाम दलों के नेताओं को कटघरे में खड़ा किया। इतना ही नहीं लखीमपुर खीरी कांड से देश भर में चर्चित हुये गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी महाराज ने चंद घण्टे पहले सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर फेसबुक में लगा अपना प्रोफाइल फोटो बदलते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नया फोटो लगा दिया है। इससे पहले कल लखीमपुर खीरी कांड में पीट-पीट कर मारे गये भाजपा कार्यकर्ताओं के परिजनों ने कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा से मिलने से मना कर दिया था। प्रियंका के अनुसार वह मृत भाजपा कार्यकर्ताओं के परिजनों से मिल कर संवेदना प्रकट करना चाहती थीं। हालांकि भाजपा विधायक ने मृत भाजपा कार्यकर्ताओं के परिजनों को 45-45 लाख का चेक सौंपा था। योगी राज में जो पुलिस अपराधियों की गाड़ी पलटने और माफियाओं के घरों पर बुल्डोजर चलाने को लेकर चर्चित हुई वह आठ-आठ हत्या वाले कांड में आरोपित के घर दो-दो बार नोटिस लगा रही है कि आप ससम्मान पुलिस के पास आकर अपना पक्ष रख दीजिये। हालांकि इसके लिये यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की जमकर लताड़ भी लगी।