नयी दिल्ली। सीबीआई ने सैमसंग-ओएनजीसी सौदा मामले में आपराधिक साजिश रचकर सौदा दिलाने और उसके बदले आर्थिक लाभ हासिल करने के आरोप में हथियार डीलर संजय भंडारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
ब्रिटेन में रहने वाले संजय भंडारी पर आरोप है कि उसे कई सौदों में किकबैक के रूप में जो रकम प्राप्त हुई, उसे शेल कंपनियों के जरिये रूट किया गया और बेनामी संपत्तियां लंदन में खरीदी गयीं, जिनका मालिकाना हक कथित तौर पर रॉबर्ट वाड्रा का बताया गया है।
सीबीआई प्रवक्ता ने बुधवार को यहां बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के करीबी कहे जाने वाले संजय भंडारी ने वर्ष 2007 में डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में सैमसंग-ओएनजीसी सौदे के लिए कंसल्टेंसी शुल्क के तौर पर लगभग 50 लाख अमेरिकी डॉलर प्राप्त किए। ऐसे आरोप हैं कि उसी पैसे का इस्तेमाल लंदन में रॉबर्ट वाड्रा के लिए एक कथित बेनामी संपत्ति खरीदने के लिए किया गया।
नयी प्राथमिकी में सीबीआई ने संजय भंडारी, उसकी कंपनी सैनटेक इंटरनेशनल, संयुक्त अरब अमीरात की एफजेडसी, दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड, ब्रिटेन की कंपनी फोस्टर व्हीलर एनर्जी लिमिटेड, सैमसंग के तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक हॉन्ग नामकूंग, ओएनजीसी के अज्ञात अधिकारियों और अन्य अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया है।