कासगंज। यूपी पुलिस पर हमला करने वाले शराब माफिया मोती सिंह ने जिस अंदाज में उत्तर प्रदेश पुलिस को चुनौती दी थी, उससे यूपी सरकार के लिए आमजन में यह विश्वास जगाना मुश्किल हो गया था कि प्रदेश में कानून का राज है। विरोधी इस घटना के बाद लगातार प्रदेश की भाजपा सरकार पर तीखे हमले बोल रहे थे, जिसका जवाब उत्तर उत्तर प्रदेश की भाजपा के लिए मुश्किल का सबब बना हुआ था। विशेष तौर पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर भारतीय जनता पार्टी और योगी सरकार पर हमलावर हो रही थी। घटना के 12 दिन बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए कुख्यात शराब माफिया मोती सिंह को रविवार की सुबह मार गिराया, मोती सिंह के भाई को पहले ही मार गिराया गया था। उत्तर प्रदेश में कासगंज जिले के सिढ़पुरा क्षेत्र में आज तड़के पुलिस ने मुठभेड़ में सिपाही की हत्या करने वाले मुख्य आरोपी शराब माफिया मोती सिंह को ढेर कर दिया और उसके पास से उपनिरीक्षक से लुटी गयी पिस्टल भी बरामद कर ली।
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सोनकर ने बतया कि नगला धीमर गांव निवासी एक लाख रुपये के इनामी हिस्ट्रीशीट और सिपाही की हत्या करने वाले मुख्य आरोपी मोती सिंह की तलाश में पुलिस की टीम दबिश दे रही थी। इसी क्रम में आज तड़के करीब साढ़े तीन बजे पुलिस मुठभेड़ वह घायल हो गया। घायल हिस्ट्रीशीटर को जिला अस्पताल भेजा गया, जहां चिकित्सकों ने उसे घोषित कर दिया। उसके पास से घायल पुलिस उपनिरीक्षक अशोक कुमार सिंह की पिस्टल भी बरामद कर ली। उन्होंने बताया कि मोती सिंह के खिलाफ 12 से अधिक मामले दर्ज थे। यह इलाके का हिस्ट्रीशीटर था।
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