यादों के झरोखों से/ अलविदा ऋषि कपूर: सदाबहार अभिनेता का निधन

0
735
मुंबई। बॉलीवुड के सदाबहार अभिनेता ऋषि कपूर का आज सुबह मुंबई के रिलायंस अस्पताल में निधन हो गया है। वे 67 वर्ष के थे। इसकी जानकारी फिल्मस्टार अमिताभ बच्चन ने ट्वीट कर दी। अमिताभ बच्चन ने अपने ट्वीट में लिखा कि ऋषि कपूर अचानक चला गया, मैं टूट गया हूं। इसकी पुष्टि उनके भाई और अभिनेता रणधीर कपूर ने की।
ऋषि कपूर के निधन से फिल्म एवं राजनीति जगत में शोक की लहर है।उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को हिंदी सिनेमा के प्रख्यात अभिनेता ऋषि कपूर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि न सिर्फ सिने जगत ने बल्कि देश ने एक सपूत खो दिया है, यह क्षति अपूरणीय है। हर ओर ऋषि कपूर के अचानक विदा होने पर आश्चर्य जताया जा रहा है।
ऋषि कपूर कैंसर से पीड़ित थे। वह न्यूयार्क में कैंसर का इलाज कराने गए थे। सितंबर में ही वह कैंसर का इलाज कराकर भारत लौटे थे। बुधवार को उन्हें सास में तकलीफ होने पर सर एच.एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय उनके भाई रणधीर कपूर उनके साथ थे। गुरुवार सुबह अचानक उनकी मौत हो गई। ऋषि कपूर के निधन की खबर से पूरा फिल्म जगत सन्न हो गया है।
ऋषि कपूर ने राज कपूर के ‘मेरा नाम जोकर’ में बाल कलाकार की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म के लिए उन्हें अवार्ड भी मिला था। इसके बाद फिल्म बॉबी से उन्होंने चाकलेटी हीरो की भूमिका निभाई थी। बॉबी की सफलता के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। फिर एक के बाद एक हिट देते गए।
इसमें प्रेमरोग, चांदनी, कुली, हनीमून, दीवाना, दामिनी, हीना जैसी फिल्में प्रमुख हैं। ऋषि कपूर ने लगातार तीन दशक तक फिल्म जगत पर राज किया।
इधर, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने अपने शोक संदेश में कहा हिंदी सिनेमा के प्रख्यात कलाकार और वरिष्ठ अभिनेता ऋषि कपूर के असामयिक निधन के दुखद समाचार से स्तब्ध हूं। वहीँ  महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि सदाबहार फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर के निधन से भारतीय फिल्म जगत की अपूरणीय क्षति हुई है। ऋषि कपूर उम्दा कलाकार थे। उद्धव ठाकरे ने इन शब्दों के साथ सदाबहार ऋषि कपूर को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि अभिनय का मापदंड पृथ्वीराज कपूर, द ग्रेट शो-मैन राज कपूर के परिवार ने तय कर दिया है, इसे भूलाया नहीं जा सकता है।
अभिनेता रजा मुराद ने कहा कि ऋषि कपूर सिर्फ मेरा साथी नहीं था. वह मेरे परिवार थे. मेरा दोस्त था. मेरा 45 साल पुराना दोस्त. लैला मजनू में हमने साथ काम करना शुरू किया। मैंने उनके साथ इतनी फिल्में की. मुझे यकीन नहीं हो रहा है. बिल्कुल यकीन नहीं हो रहा है।

जब बेहोश हो गए थे ऋषि और नीतू

ऋषि और नीतू की शादी 22 जनवरी 1980 को हुई थी। कपूर खानदान की इस शादी में देश के साथ दुनिया की भी नामचीन हस्तियां शामिल हुई थीं, लेकिन इस बीच कुछ ऐसा हुआ था कि सब घबरा गए थे। एक इंटरव्यू के दौरान नीतू सिंह ने बताया था कि शादी के दौरान ऋषि और वे बेहोश हो गई थीं।

Advertisment

नीतू सिंह ने बताया था, ‘हम दोनों बेहोश हो गए थे, लेकिन दोनों के बेहोश होने के कारण अलग थे। मैं लहंगा संभालते-संभालते बेहोश हो गई थी. जबकि ऋषि अपने आसपास बहुत ज्यादा भीड़ देखकर परेशान हो गए थे और वे भी चक्कर खाकर गिर पड़े थे। बाद में जब हम दोनों ठीक हुए, तब हमारी शादी पूरी हुई।

जब नरगिस ने उन्हें पहला रोल को करने के लिए मनाया था

ऋषि कपूर ने खुद एक बार खुलासा किया था कि कैसे नरगिस ने उन्हें इस रोल को करने के लिए मनाया था। असल में ऋषि कपूर श्री 420 के गाने प्यार हुआ इकरार हुआ में नजर आए थे। इस गाने में राज और नरगिस के पीछे बारिश में चलने वाले तीन बच्चों में से एक ऋषि कपूर थे। उस समय ऋषि की उम्र 3 साल थी और नरगिस ने उन्हें चॉकलेट का लालच देकर इस गाने में लिया था। ऋषि ने इस बारे में बात करते हुए बताया था, ‘मुझे बोला गया था कि श्री 420 में मुझे एक शॉट देना है और मेरे बड़े भाई और बहन भी इस शॉट में होंगे।

जब भी शॉट हो तब हमें बारिश में चलना था। ऐसे में शॉट के दौरान जब भी पानी मुझपे गिरता तो मैं रोने लगता. इसकी वजह से वो शूटिंग नहीं कर पा रहे थे। तो नरगिस ने मुझे कहा कि अगर तुम शॉट के दौरान अपनी आंखें खुली रखोगे और रोओगे नहीं तो मैं तुम्हें चॉकलेट दूंगी। इसके बाद मैंने सिर्फ चॉकलेट के लिए अपनी आंखें खुली रखीं और वो मेरा पहला शॉट था।

पिता राज कपूर का यंग रोल निभाया 

ऋषि कपूर को फिल्म मेरा नाम जोकर में राज कपूर के किरदार के यंग वर्जन को निभाते देखा गया था। उन्होंने बताया कि कैसे 1970 में आई फिल्म मेरा नाम जोकर में पिता राज कपूर ने उन्हें लेने की बात उनकी मां कृष्णा कपूर से की थी। उन्होंने बताया था की हम घर में खाना खा रहे थे और मेरे पिता ने मां को बोला, ‘कृष्णा, मैं चाहता हूं कि चिंटू मेरा नाम जोकर में मेरे यंग वर्जन को प्ले करे.’ और मैं बहुत उत्साहित हो गया था कि मेरे फिल्मों में काम करने के बारे में बात हो रही है।

मैंने उनके सामने कुछ नहीं कहा। मैंने अपना खाना खत्म किया और अपने कमरे में गया। मम्मी तब पापा से कह रही थीं कि फिल्म की वजह से मेरी पढ़ाई पर असर पढ़ेगा। वो अलग बात है कि उस फिल्म से मेरी जिंदगी पर कुछ असर नहीं हुआ।

उन्होंने आगे आगे कि लेकिन जब वे इस बात पर विचार कर रहे थे, मैं अपने कमरे में आया और अपनी स्टडी टेबल की दराज खोली. उसमें एक फुल शीट थी. मैंने उसपर अपने ऑटोग्राफ की प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया।

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here