मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। कानपुर के राजकीय बाल संरक्षण गृह की 57 लड़कियां कोरोना पालिटिव पाई गयीं हैं। इनमें से दो लड़कियां गर्भवती हैं।
इस घटना के स्वरूप नगर बालिका संरक्षण गृह से लेकर शासन तक में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य महकमे की टीम ने उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जहां उपचार के दौरान दो किशोरियां गर्भवती पाई गईं।जानकारी के मुताबिक, कोरोना संक्रमित सभी लड़कियों को मंधना के रामा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. कहा जा रहा है कि दोनों गर्भवती युवतियों के पेट में 8 माह का बच्चा पल रहा है। ऐसे में इन दोनों लड़कियों को हैलट के जच्चा बच्चा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि हॉस्पिटल में जांच के बाद जहां एक गर्भवती किशोरी एचआईवी संक्रमित पाई गई है तो वहीं, दूसरी में हेपेटाइटिस सी का संक्रमण मिला है. दोनों किशोरियों की उम्र 17 वर्ष है और बिहार व झारखंड की रहने वाली बताई जा रही हैं। उन्हें एचआईवी और हेपेटाइटिस सी का संक्रमण होने से हाई रिस्क बन गया है, जिससे उन्हें विशेष निगरानी में रखा गया है। गर्भवती किशोरियों के साथ उनमें संक्रमण की जानकारी होने पर प्रशासनिक अफसरों से लेकर स्वास्थ्य महकमे में खलबली मच गई है. अब किशोरियों का पूरा ब्यौरा खंगाला जा रहा है कि दोनों को कब राजकीय बाल संरक्षण गृह में लाया गया था। राजकीय बाल संरक्षण गृह की नोडल ऑफिसर ने बताया कि बिल्डिंग को सील कर दिया गया है। अभी अन्य युवतियों को क्वारेंटाइन कर दिया गया है, जिनसे उनके बारे में जानकारी नहीं मिल पा रही है कि आखिर ये किशोरियां और किन-किन के संपर्क में आई थीं। उनकी भी जानकारी ली जा रही है। सीएमओ अशोक कुमार शुक्ला का कहना है कि उन्हें दोनों किशोरियों के गर्भवती होने की जानकारी नहीं है. यह विभाग मेरा नहीं है।उनका कहना है कि मेरे काम कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना है। उनके लिए बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना मेरी जिम्मेदारी है। यह गर्भवती है या एचआईवी पॉजिटिव इसकी जानकारी अस्पताल प्रशासन से मिल सकती है।