सपने के भय दूर करने का मंत्र

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इस मंत्र के द्बारा भगवान राम का गुणगान होता है।

राम सकुल रन रावनु मारा। सीय सहित निज पुर पगु धारा।।
राजा रामु अवध रजधानी। गावत गुन सुर मुनि बरबानी।।
सेवक सुमिरत नामु सुप्रीती। बिनु श्रम प्रबल मोहदलु जीती।।
फिरत सनेहॅँ मगन सुख अपनें। नाम प्रसाद सोच नहिं सपनें।।

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पावन मंत्र को जप करने की विधि व लाभ

सबसे 51 दिन नित्य 1०8 बार इस मंत्र का पाठ करें। इसके बाद रात्रि को सोते समय इस मंत्र के तीन और प्रात:काल जागते समय पां पाठ नित्य किया करें। इस मंत्र के द्बारा भगवान राम का गुणगान भी होता है और स्वप्न के भय भी समाप्त हो जाते है।

भगवान रामचन्द्र भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं और इन्हें श्रीराम और श्रीरामचन्द्र के नामों से भी जाना जाता है। रामायण में वर्णन के अनुसार अयोध्या के सूर्यवंशी राजा, चक्रवर्ती सम्राट दशरथ ने पुत्र की कामना से यज्ञ कराया जिसके फलस्वरूप उनके पुत्रों का जन्म हुआ। श्रीराम का जन्म देवी कौशल्या के गर्भ से अयोध्या में हुआ था। श्रीराम जी चारों भाइयों में सबसे बड़े थे। हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को श्रीराम जयंती या राम नवमी का पर्व मनाया जाता है।

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