सीबीएसई: लंबित पड़ी परीक्षाओं को रद्द, केंद्रीय मानव संसाधन विकास ने स्वागत किया

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नयी दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शुक्रवार को घोषणा की 10वीं और 12वीं कक्षा के बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम 15 जुलाई तक घोषित कर दिए जाएंगे। परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज के मुताबिक, कोविड-19 स्थिति के कारण लंबित पड़ी परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है।
भारद्वाज ने एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा, “अब परिणामों को वैकल्पिक मूल्यांकन योजना का पालन करते हुए घोषित किया जाएगा। 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को अपने प्राप्तांक (स्कोर) सुधारने के लिए बाद में परीक्षाओं में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। हालांकि, जो विद्यार्थी परीक्षा में बैठने का विकल्प चुनते हैं, उनके परीक्षा में प्राप्त हुए अंकों को ही अंतिम प्राप्तांक माना जाएगा। उन्होंने कहा कि 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को सुधार परीक्षा में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा। बोर्ड द्वारा घोषित परिणाम ही अंतिम माना जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और सीबीएसई को कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण 10वीं और 12वीं की शेष बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने और जुलाई में होने वाली परीक्षाओं के लिए छात्रों को अंक देने की उसकी योजना पर आगे बढ़ने की शुक्रवार को मंजूरी दे दी। न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने सीबीएसई को परीक्षाओं को रद्द करने के लिए एक अधिसूचना जारी करने की अनुमति दी। इधर, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘मैं सुप्रीम कोर्ट का आभारी हूं जिसने छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एक जुलाई से 15 जुलाई तक 10वीं एवं 12वीं कक्षा की सीबीएसई परीक्षाओं को आयोजित नहीं करने के हमारे प्रस्ताव को स्वीकार किया।’

उल्लेखनीय है कि एक से 15 जुलाई के बीच सीबीएससी की दसवीं और बारहवीं कक्षा की शेष 29 विषयों की परीक्षाएं आयोजित होनी थीं। लेकिन कोरोना संकट के मद्देनजर दिल्ली सहित कई राज्यों और अभिभावकों ने परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को स्वीकार करते हुए परीक्षाओं को रद्द कर आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परिणाम घोषित करने का फैसला सुनाया है।
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